Do All Religions Point Toward the Same Truth?

Do All Religions Point Toward the Same Truth? The question “Do all religions point toward the same truth?” has been discussed for centuries by philosophers, saints, scholars, and spiritual seekers across the world. While each religion expresses itself through unique stories, rituals, traditions, and scriptures, many believe that at the heart of every faith lies a shared essence: the search for truth, peace, and a deeper connection with the divine. Understanding this idea does not… Continue reading Do All Religions Point Toward the Same Truth?

 December 2, 2025
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बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति से पहले कौन-कौन सी साधनाएँ करनी पड़ीं?

बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति से पहले कौन-कौन सी साधनाएँ करनी पड़ीं? मनुष्य जीवन में सत्य की खोज हमेशा से सबसे कठिन, लेकिन सबसे अर्थपूर्ण यात्रा रही है। इसी यात्रा के एक विलक्षण उदाहरण हैं भगवान बुद्ध, जिन्होंने सत्य—धर्म और दुख से मुक्ति—की तलाश में एक असाधारण आध्यात्मिक मार्ग अपनाया। बुद्ध बनने से पहले सिद्धार्थ गौतम ने कई वर्षों तक कठोर साधनाएँ कीं, अनेक गुरुओं से शिक्षा ली और आत्मज्ञान की खोज में अपने शरीर और… Continue reading बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति से पहले कौन-कौन सी साधनाएँ करनी पड़ीं?

 December 2, 2025
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Bodhi Day क्या है और बौद्ध धर्म में ‘ज्ञान’ का वास्तविक अर्थ क्या होता है?

Bodhi Day क्या है और बौद्ध धर्म में ‘ज्ञान’ का वास्तविक अर्थ क्या होता है? Bodhi Day बौद्ध धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है, क्योंकि इसी दिन गौतम बुद्ध ने बोधि वृक्ष के नीचे गहन ध्यान के माध्यम से सत्य का बोध पाया था। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आध्यात्मिक जागरण, ज्ञान और मानव जीवन के गहरे सार को समझने का प्रतीक भी है। Bodhi Day हमें… Continue reading Bodhi Day क्या है और बौद्ध धर्म में ‘ज्ञान’ का वास्तविक अर्थ क्या होता है?

 December 2, 2025
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क्या सत्य धर्म है या धर्म सिर्फ रूप और रिवाज़ ?

क्या सत्य धर्म है या धर्म सिर्फ रूप और रिवाज़ ? धर्म मानव जीवन का एक अत्यंत गहरा पक्ष है, जो जन्म से मृत्यु तक हमारी सोच, व्यवहार और जीवनशैली को प्रभावित करता है। अधिकांश लोग धर्म को पूजा, मंदिर, व्रत, त्योहार या परंपराओं से जोड़कर देखते हैं, लेकिन प्रश्न यह है कि क्या धर्म का वास्तविक स्वरूप यही है? क्या धर्म सिर्फ बाहरी रूप, रिवाज़ और संस्कारों का संग्रह है, या इसके मूल में… Continue reading क्या सत्य धर्म है या धर्म सिर्फ रूप और रिवाज़ ?

 December 2, 2025
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Is Spirituality Possible Without Religion? 

Is Spirituality Possible Without Religion?  The question of whether spirituality is possible without religion has become increasingly relevant in today’s world. People from different cultures and backgrounds are exploring new ways to connect with themselves and the universe, often without following any specific religious tradition. Spirituality and religion may appear closely related, but they are not the same. While religion is a structured system with rituals, beliefs, doctrines, and community practices, spirituality is an inner… Continue reading Is Spirituality Possible Without Religion? 

 December 1, 2025
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पाप और पुण्य—इनका परिणाम कब और कैसे मिलता है?

पाप और पुण्य—इनका परिणाम कब और कैसे मिलता है? मानव जीवन हमेशा से कर्मों पर आधारित माना गया है। हर धर्म, हर संस्कृति और हर आध्यात्मिक परंपरा में यह बात बार-बार समझाई गई है कि मनुष्य जैसा कर्म करता है, वैसा ही फल उसे किसी न किसी रूप में मिलता है। पाप और पुण्य को लेकर लोगों के मन में अनेक प्रश्न होते हैं—क्या इसका फल तुरंत मिलता है या समय आने पर? क्या हर… Continue reading पाप और पुण्य—इनका परिणाम कब और कैसे मिलता है?

 December 1, 2025
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क्या कर्मों की शक्ति वास्तव में हमारी किस्मत लिखती है?

क्या कर्मों की शक्ति वास्तव में हमारी किस्मत लिखती है? किस्मत और कर्म—यह दो शब्द मानव जीवन के सबसे पुरानी और गहरी बहसों में शामिल हैं। लोग अक्सर परिस्थितियों को किस्मत का खेल मान लेते हैं, जबकि कुछ लोग दृढ़ता से मानते हैं कि किस्मत को बदलने की असली ताकत हमारे कर्मों में छिपी है। यह प्रश्न कि क्या कर्मों की शक्ति वास्तव में हमारी किस्मत लिखती है, केवल धार्मिक मान्यता नहीं है, बल्कि जीवन… Continue reading क्या कर्मों की शक्ति वास्तव में हमारी किस्मत लिखती है?

 December 1, 2025
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Where and How Can We Find Spiritual Peace?

Where and How Can We Find Spiritual Peace? In a world filled with constant noise, pressure, and emotional chaos, spiritual peace has become one of the most sought-after experiences. People across cultures and faiths search for inner calm, a sense of purpose, and a feeling of connection beyond the material world. But the real question remains: Where does spiritual peace actually come from, and how can one truly attain it? The answer is not found… Continue reading Where and How Can We Find Spiritual Peace?

 November 29, 2025
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ईश्वर को बिना देखे लोग उन पर इतना भरोसा क्यों करते हैं?

ईश्वर को बिना देखे लोग उन पर इतना भरोसा क्यों करते हैं? मनुष्य का ईश्वर पर विश्वास उतना ही पुराना है जितनी कि मानव सभ्यता। यह विश्वास किसी एक धर्म, किसी एक समुदाय या किसी एक पुस्तक तक सीमित नहीं है। आश्चर्य की बात यह है कि ईश्वर को किसी ने आंखों से नहीं देखा, फिर भी करोड़ों लोग उनसे प्रेम करते हैं, प्रार्थना करते हैं और उन पर पूरा भरोसा भी रखते हैं। यह… Continue reading ईश्वर को बिना देखे लोग उन पर इतना भरोसा क्यों करते हैं?

 November 29, 2025
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क्या सच में प्रार्थना हमारी किस्मत बदल सकती है?

क्या सच में प्रार्थना हमारी किस्मत बदल सकती है? प्रार्थना मनुष्य के आध्यात्मिक जीवन का एक ऐसा हिस्सा है, जिसकी जड़ें उतनी ही गहरी हैं जितनी स्वयं मानव सभ्यता की। हर धर्म, हर संस्कृति और हर परंपरा में प्रार्थना को एक ऐसी शक्ति के रूप में देखा गया है जो मनुष्य को भीतर और बाहर दोनों रूपों में बदल सकती है। लेकिन प्रश्न यह है कि क्या प्रार्थना सच में हमारी किस्मत बदल सकती है?… Continue reading क्या सच में प्रार्थना हमारी किस्मत बदल सकती है?

 November 29, 2025
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Swami Vivekananda said “You Can Do Anything” — But How?

Swami Vivekananda said “You Can Do Anything” — But How? Swami Vivekananda’s famous assertion, “You can do anything”, is not just an inspirational line; it is a complete philosophy of human potential. To Vivekananda, every individual carries within themselves immense strength, courage, and creative power, often hidden beneath self-doubt and fear. When he said that one can achieve anything, he was not speaking metaphorically. He truly believed that human beings are capable of greatness because… Continue reading Swami Vivekananda said “You Can Do Anything” — But How?

 November 28, 2025
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स्वामी विवेकानंद अंधविश्वास के खिलाफ थे, फिर मूर्ति-पूजा को क्यों सही ठहराया?

स्वामी विवेकानंद अंधविश्वास के खिलाफ थे, फिर मूर्ति-पूजा को क्यों सही ठहराया? स्वामी विवेकानंद का नाम आते ही एक ऐसे व्यक्तित्व की छवि बनती है जो तर्क, विवेक और आध्यात्मिकता को एक साथ जोड़ते थे। वे अंधविश्वास, रूढ़ियों और बिना सोचे-समझे अनुसरण करने वाली आस्था के कट्टर विरोधी थे। लेकिन यही विवेकानंद मूर्ति-पूजा को न केवल स्वीकारते थे, बल्कि उसके आध्यात्मिक महत्व को भी समझाते थे। यह विरोधाभास केवल सतही रूप से दिखाई देता है;… Continue reading स्वामी विवेकानंद अंधविश्वास के खिलाफ थे, फिर मूर्ति-पूजा को क्यों सही ठहराया?

 November 28, 2025
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