तरूणसागर जी महाराज की तबीयत नाजुक : जैन संतों और अनुयायियों की प्रार्थना जारी
जैन धर्म के जाने माने संत तरूणसागर जी महाराज की तबीयत नाजुक है। दिल्ली के कृष्णानगर के राधेपुरी के जैन मंदिर में उनका चातुर्मास चल रहा है। तबीयत कमजोर होने के कारण वे मैक्स अस्पताल में कुछ दिनों तक भर्ती रहकर आज यानि 30 अगस्त को अपने चातुर्मास प्रवास पर लौट आएं है। वे अभी भी गंगाराम अस्पताल के चिकित्सकों की निगरानी में है।
तरूणसागर जी महाराज की नाजुक हालक की खबर सुनते ही भारी संख्या में लोग उन्हें देखने पहुंचे। अभी कुछ दिन पहले ही स्वामी रामदेव भी उन्हें देखकर गए थे।
आज अस्पताल से वापसी के बाद जैन धर्म के सभी संप्रदायों से संतों का आना हुआ। इसमें श्वेतांबर और दिगंबर दोनों ही परंपरा के माने जाने संत थे।
दिगंबार संत सौरभ सागर जी, अरूण सागर जी, आचार्य लोकेश मुनि, विवेक मुनि जी, स्वामी देवेन्द्र और योगभूषणजी महाराज आदि संत तरूणसागरजी को देखने पहुंचे।
तरूणसागर जी के निजी शिष्य ब्रह्मचारी सतीश ने बताया कि, “कुछ महीनों से महाराजजी का स्वास्थ्य कमजोर चल रहा था, पर वे अपनी हर दिन की जैनचर्या निभा रहे थे। अस्पताल में भी वे केवल अंजुलि भर जल ले रहे थे”।
हालांकि उनके स्वास्थय नाजुक होने की स्थिति में उनके गुरु ने उनके लिए प्रार्थना करने और जैन धर्म के अनुसार समाधि की सलाह दी है।
जैन संत और जैन परंपरा के बेहद ही महत्वपूर्ण संत तरूणसागर जी ने 13 वर्ष में ही संन्यास ले लिया था और क्षुल्लक बन गए। 20 वर्ष में वो दिगंबर संत बनें। उनके गुरु पुष्पदंतजी महाराज थे। तरूणसागर जी का जन्म मध्यप्रदेश के दमोह जिले में 26 जून 1967 को हुआ था। उनका मूल नाम पवन कुमार जैन था।