रोम, २४ मई; अमेरिका के राष्ट्रपतु डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। पूरी दुनिया की नजर इस बैठक पर थी। ट्रम्प हाल ही में सउदी अरब की यात्रा पर पहली बार अमेरिकी से बाहर गए थे।
तीस मिनट की व्यक्तिगत बैठक से पूर्व जहां राष्ट्रपति ट्रम्प मुस्कुराते नज़र आये वहीं पोप थोड़े सख्त नज़र आये. इसके साथ ही दोनों ने पत्रकारों के सामने एक दूसरे को उपहार आदान प्रदान किया. राष्ट्रपति के प्रतिनिधिमंडल में प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प, राज्य सचिव रेक्स टिल्लरन, और व्हाइट हाउस के सलाहकारऔर राष्ट्रपति के दामाद और बेटी, जारेड कुशनर और इवकांका ट्रम्प शामिल थे.
राष्ट्रपति ने पोप को मार्टिन लूथर किंग की पुस्तकों का सेट दिया वहीं पोप ने राष्ट्रपति को एक मैडल उपहारस्वरूप दिया जिसे एक रोमन कलाकार ने जैतून की शाखा पर अंकित किया है। फ्रांसिस पोप ने यह भी बताया की यह शाखा शांति का प्रतीक है. इसके जवाब में राष्ट्रपति ने जवाब दिया कि हम शांति का इस्तेमाल कर सकते हैं. पोप ने राष्ट्रपति को तीन पुस्तकें भी उपहार स्वरुप दी जो वह सभी कैथोलिक को भेजते हैं. इनमें से एक पुस्तक परिवार पर, एक सुसमाचार पर और एक हमारे आम घर की देखभाल और पर्यावरण पर थी. ट्रम्प ने पुस्तक स्वीकार कर कहा कि मैं इन्हें ज़रूर पढूंगा.
ट्रम्प और फ्रांसिस के बीच मतभेद थे जो की मीटिंग के दौरान भी नज़र आये. दरअसल फरवरी 2016 में, तत्कालीन-उम्मीदवार ट्रम्प के अमेरिकी-मेक्सिको सीमा के किनारे एक दीवार बनाने का प्रस्ताव रखा था जिसकी पोप ने निंदा की थी. उनके अनुसार जो व्यक्ति सिर्फ दीवार बनाने के बारे में सोचता है सेतु बनाने के बारे में नहीं वो इसाई नहीं हो सकता.
इसके अलावा, राष्ट्रपति ट्रम्प और फ्रांसिस पोप ने जलवायु परिवर्तन को लेकर अपने अपने अलग दृष्टिकोण रखे. यह बैठक अपने निष्कर्ष पर तब पहुंची जब राष्ट्रपति ट्रम्प ने संयुक्त राज्य अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकालने पर जोर दिया. जिसको उन्होंने अपने कार्यालय के पहले सौ दिनों के भीतर रद्द करने का वादा किया था.
इस मुलाकात के मायने क्या होंगे ये वक्त ही बताएगा, पर इस मुलाकात के थोडी देर बाद पोप ने आज पहली बार चीनी भाषा में ट्वीट करके चीन में कैथोलिक धर्म के लिए प्रार्थनी की। हाल ही में इस बात की बड़ी चर्चा थी कि चीन में ईसाई धर्म को लेकर बहुत तेजी से रूझान बढ़ा है.