कुम्भ 2019 का हुआ भव्य शुभारम्भ : 2 करोड़ से अधिक लोगों ने किया संतों के संग शाही स्नान
- ब्रह्ममूर्हत से सायंकाल तक अखाड़ों ने किया शाही स्नान
- प्रशासन की व्यवस्थाओं से जनता को हुआ प्रयागराज कुम्भ का अनूठा अनुभव
15 जनवरी 2019 प्रयागराज – मकर सक्रान्ति के अवसर पर कुम्भ 2019 के प्रथम शाही स्नान दिव्य और भव्य रूप से सम्पन्न हो गया। 14 जनवरी 2019 की रात्रि से ही मकर सक्रान्ति का स्नान शुरू हो गया तथा 15 जनवरी 2019 की सायं तक लगभग 02 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी तट पर स्नान किया। उक्त जानकारी देते हुए मेला प्रशासन के अपर मेलाधिकारी श्री दिलीप त्रिगुणायत ने बताया कि यह आकड़े दो दिनों में लगभग 56 लाख 14 जनवरी को तथा शेष 15 जनवरी के मध्य स्नान करने के है, जिसका डिजिटल वैरिफिकेशन आईसीसीसी से सुनिश्चित कराया जा रहा है। श्री त्रिगुणायत ने स्नान सकुशल सम्पन्न हो जाने के बाद कुम्भ मेला के मीडिया सेंटर में मीडिया कर्मियों से वार्ता कर रहे थे। उनके साथ निदेशक, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, उ.प्र. लखनऊ श्री शिशिर, एसडीएम मेला श्री राजीव राय, एसपी ट्राफिक कुम्भ श्री ओ.पी.सिंह, एसपी ट्राफिक प्रयागराज श्री कुलदीप सिंह, उप निदेशक सूचना श्री विनोद कुमार पाण्डेय उपस्थित थे।
प्रेस वार्ता में श्री त्रिगुणायत ने बताया कि 02 करोड़ श्रद्धालुओं ने अत्यन्त उत्साह के साथ त्रिवेणी तट के स्नान का लाभ उठाया तथा की गयी व्यवस्थाओं की सराहना की। कुम्भ 2019 के प्रथम शाही स्नान में कुम्भ का शुभारम्भ हुआ। अखाडों में श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी/श्री पंचायती अटल अखाड़ा, श्री पंचायती निरंजनी अखाडा/तपोनिधि श्री पंचायती आनन्द अखाड़ा, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा/श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा/श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा, अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा, अखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अनी अखाड़ा, अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा, श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन तथा श्री पंचायती अखाड़ा निर्मला ने क्रमवार शाही स्नान किया। अखाड़ों के शाही स्नान के जुलूस में अखाड़ों, सन्यासी, उनके श्रद्धालु तथा शिष्यगण ने बड़े उत्साह से चल रहे थे। उनके भव्य शोभा यात्रा को शाही स्नान मार्ग के किनारे बड़े आकर्षण और श्रद्धा से उनके दर्शन कर रहे थे तथा पुरा वातावरण प्रयागराज और गंगा मइया के जयकारों से गूंज रहा था।
श्री त्रिगुणयात ने मीडिया को बताया कि प्रशासन की चुस्त, दुरूस्त व्यवस्था से श्रद्धालुओं को गंगा और त्रिवेणी तट तक पहुँचने में काफी सहूलियत रही तथा यह महान स्नान शान्तिपूर्वक सम्पन्न हो गया। लगभग 1700 के आस-पास व्यक्तियों को मेला क्षेत्र में पहली बार स्थापित डिजिटाइलेज खोया पाया केन्द्र में पंजीकृत किया गया जिसमें से 1500 से अधिक को निर्धारित समयावधि में ही सीसीटीवी कैमरों तथा चुस्त व्यवस्था से अत्यन्त अल्प समय में ढूंढ कर उनके परिजनों को सौप दिया गया है। इस कार्य में प्रशासन के डिजिटाइलेज खोया पाया केन्द्रों के अलावा अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से भी खोये हुए लोगों को उनके परिजनों से तत्काल मिलवाये जाने में सफलता हासिल हुयी।
आज के स्नान में कुम्भ मेला के किसी भी क्षेत्र से किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नही मिली। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की व्यवस्थायें चौकस रहीं तथा कही किसी के अस्वस्थ होने पर उन्हें तत्काल केन्द्रीय चिकित्सालय तथा स्थानीय मेडिकल कालेज में पहुंचाने मे सफलता हासिल हुयी। श्री त्रिगुणायात ने बताया कि कुम्भ मेला क्षेत्र में अभी से कल्पवासियों से भरने लगे है तथा आधे से अधिक कल्पवासी कुम्भ के आकर्षण से मेला क्षेत्र में पधार चुके है तथा उन्हें हर प्रकार की सुविधायें दी जा रही है।