Post Image

उत्तरप्रदेश में सभी धर्मों के लिए विवाह पंजीकरण होगा जरूरी

उत्तरप्रदेश में सभी धर्मों के लिए विवाह पंजीकरण होगा जरूरी

लखनऊ, 2 अगस्त;  उत्तरप्रदेश सरकार ने गुड गवर्नेस की दिशा में कदम बढ़ाया है. मंगलवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में कई फैसले लिए गए. इसी क्रम में कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) नियमावली-2017 को मंजूरी दी है. इस फैसले के लागू होने पर अब सभी वर्गो को विवाह का पंजीकरण कराना जरूरी होगा. अब मुस्लिम दंपति को भी निकाह का पंजीकरण कराना होगा.

यह भी पढ़ें-योगी आदित्यनाथ का राम की नगरी में हुआ पुनः आगमन

मंगलवार को लोकभवन में राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने संविधान के अनुरूप विवाह पंजीकरण नियमावली बनाई है. यह उत्तर प्रदेश और नगालैंड को छोड़कर पूरे देश में लागू है. कैबिनेट ने इस नियमावली को मंजूरी देते हुए उप्र में इसे लागू करने का फैसला किया है. इसके लिए महिला बाल विकास विभाग को जिम्मेदारी दी गई है. स्टांप और निबंधन विभाग इसका क्रियान्वयन कराएगा. ऑनलाइन पोर्टल में इसकी व्यवस्था रहेगी. सभी को विवाह का पंजीकरण अनिवार्य होगा. इसमें पति-पत्नी की तस्वीर लगेगी. मंत्री ने बताया कि जल्द ही इसका शासनादेश जारी कर दिया जाएगा जिसमें तारीख और अन्य विवरण स्पष्ट रहेंगे. एक वर्ष के भीतर पंजीकरण कराने पर दस रुपये का शुल्क लगेगा जबकि एक वर्ष से अधिक पर 50 रुपये शुल्क देना होगा.

 दूसरी, तीसरी शादी का भी होगा रजिस्ट्रेशन

यदि किसी व्यक्ति की दूसरी, तीसरी या चौथी शादी है तो भी उसे पंजीकरण कराना होगा. प्रमुख सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार के अनुसार, फार्म में भी यह स्पष्ट कॉलम है कि क्या यह आपकी पहली शादी है. विवाह पंजीकरण का एक उद्देश्य स्त्रियों के अधिकारों की रक्षा करना भी है. कुछ हिंदू भी दूसरी शादी करते हैं तो उन्हें भी पंजीकरण कराना होगा.

इस विषय पर सर्व धर्म संसद के अध्यक्ष आचार्य गोस्वामी सुशील महाराज ने रिलिजन वर्ल्ड से बातचीत करते हुए बताया, “उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने यह सराहनीय कदम उठाया है. यह कदम देश हित और मानवता के हित में है. स्त्री पुरुष में भेदभाव करना किसी भी धर्म में उचित नहीं है. सब धर्म में मान्य है और अगर यह पंजीकरण सिर्फ हिन्दुओं में हो और मुसलमानों में न हो तो यह उचित नहीं होगा.”

यह भी पढ़ें-राष्ट्रीय एकता एवं सांप्रदायिक सौहार्द से आएगी देश में शांति

पति-पत्नी में किसी एक का उप्र का निवासी होना जरूरी

नियमावली के प्रारंभ होने के बाद संपन्न विवाह या पुनर्विवाह में पति या पत्नी में कोई एक उप्र का स्थायी निवासी हो या उनका विवाह उप्र की सीमा में संपन्न हुआ हो, का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. आवेदन पत्र में पति-पत्नी का आधार नंबर भरा जाना अनिवार्य होगा. ऑनलाइन आवेदन होगा और अभिलेखों के सत्यापन के बाद विवाह पंजीकरण स्वत: ही जेनरेट हो जाएगा.

 

सभी धर्म के लोगों से बातचीत के बाद किया फैसला

सिद्धार्थनाथ सिंह का कहना था कि यह फैसला लागू करने के लिए सभी धर्म के लोगों से बातचीत की गई. इस दौरान यह आपत्ति आई कि निकाह के समय फोटो नहीं लगती है. सरकार ने तर्क दिया कि आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और पैन कार्ड में अगर आप लोग फोटो लगा सकते हैं तो विवाह पंजीकरण में क्यों नहीं. उनका कहना था कि इसके बाद लोग मान गए. यह व्यवस्था सभी के लिए अनिवार्य कर दी गई है.

मुसलमानों के विरोध से सपा सरकार में नहीं हो सका था लागू

मुस्लिम संगठनों ने इस व्यवस्था का विरोध किया था जिसके चलते समाजवादी सरकार ने इसे लागू नहीं किया. केंद्र सरकार द्वारा यह व्यवस्था लागू करने के बाद समाजवादी सरकार ने भी इसे उप्र में लागू करने का फैसला किया. नियमावली बनकर तैयार हो गई थी लेकिन, तभी कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अखिलेश यादव से मिलकर अपना विरोध दर्ज किया था. इसके बाद ही यह नियमावली लागू करने से रोक दी गई थी. इस विषय पर रिलीजन वर्ल्ड ने फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ़्ती मुकर्रम अहमद साहब से उनकी प्रतिक्रिया ली. इमाम साहब ने कहा कि “पंजीकरण व्यवस्था लागू होने से हमें कोई ऐतराज़ नहीं है, बल्कि इससे हमें काफी आसानी हो जाएगी. हज जाने के लिए, या बाहर जाने के लिए विवाह पंजीकरण या अन्य पंजीकरण करना ही पड़ता है अब उस समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन सरकार इस नियम को लागु करने के बाद मुस्लिम लॉ बोर्ड या अन्य धर्मों के जो कानून है उसे ज्यों के त्यों ही शामिल करे. किसी भी धर्म के व्यक्ति को ऐसा न लगे कि उसका हैरेसमेंट हो रहा है.”

इस विषय पर ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम डॉ. उमेर अहमद इलियासी ने भी इस विषय पर रिलिजन वर्ल्ड के सामने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा,“ यह मसला धर्म का नहीं है समाज का है. समाज के अन्दर पंजीकरण सभी धर्मों का होना चाहिए. यह सबको लाभ ही देगा और एक साक्ष्य के रूप में कार्य करेगा.”

यह भी पढ़ें-अब मदरसे की लाइब्रेरी में भी दिखेगी कौमी एकता की मिसाल

अन्य प्रतिक्रियाएं-

“यह स्वागत योग्य क़दम है, दूसरे सभी राज्य सरकारों को भी इसका अनुसरण करना चाहिये.” -जैन संत आचार्य लोकेश मुनि

“उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से समाज के हित में एक विशिष्ट, प्रेरणादायी एवं सराहनीय क़दम. . .”-भागवतकिंकर अनुरागकृष्ण शास्त्री
—————————-
रिलीजन वर्ल्ड देश की एकमात्र सभी धर्मों की पूरी जानकारी देने वाली वेबसाइट है। रिलीजन वर्ल्ड सदैव सभी धर्मों की सूचनाओं को निष्पक्षता से पेश करेगा। आप सभी तरह की सूचना, खबर, जानकारी, राय, सुझाव हमें इस ईमेल पर भेज सकते हैं – religionworldin@gmail.com – या इस नंबर पर वाट्सएप कर सकते हैं – 9717000666 – आप हमें ट्विटर , फेसबुक और यूट्यूब चैनल पर भी फॉलो कर सकते हैं।
Twitter, Facebook and Youtube.

Post By Religion World