आज यानि 22 अप्रैल को वैशाख माह की अमावस्या है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन श्राद्ध, तर्पण, पूजा-पाठ और दान का विधान है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अमावस्या तिथि पर कालसर्प दोष निवारण और शनि दोष शांति पूजा भी की जाती है।
हिंदू पंचाग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पितरों के लिए की गई पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कैसे करें पितरों के लिए पूजा
अमावस्या के दिन पितरों की विशेष पूजा का महत्व है। इस पावन तिथि पर पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध करने का बहुत अधिक महत्व है।
संभव हो तो इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए व्रत भी रखना चाहिए।
अन्न और जल का दान करना चाहिए।
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घर में कैसे करें पितरों की तृप्ति के लिए कर्म
संपूर्ण देश में लॅाकडाउन के कारण घर से बाहर निकलने की मनाही है। ऐसे में किसी भी तीर्थ में जाना संभव नहीं है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं घर में रहकर ही आप पितरों की तृप्ति के लिए क्या कर सकते हैं-
नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। इस दिन नहाने के जल में तिल डालकर स्नान करना चाहिए।
अपने मन में पितरों की तृप्ति का संकल्प लें और जल, अन्न का दान करें।
किसी गरीब को भोजन करवाएं।
सात्विक भोजन बनाएं और गाय को भोजन खिलाएं।
अमावस्या तिथि पर पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध करने का फल
अमावस्या के पावन दिन पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पितरों का आशिर्वाद मिलता है।
अमावस्या के दिन पितरों की तृप्ति के लिए दान अवश्य करना चाहिए। इस पावन तिथि पर अपनी क्षमता के अनुुसार दान करें।
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