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वैशाख: पुण्य कमाने का स्वर्ण अवसर

वैशाख: पुण्य कमाने का स्वर्ण अवसर

वैशाख हिन्दू पंचांग (हिन्दू कैलेंडर) का दूसरा महीना होता है, जो चैत्र मास के बाद आता है। यह माह अक्सर अप्रैल से मई के बीच आता है।

  • सनातन पंचांग में, यह बहुत ही पुण्यदायक और शुभ महीना माना गया है।

  • इसे धर्म और पुण्य कमाने वाला माह कहा गया है।

2025 में वैशाख मास कब शुरू होगा?

वैशाख मास की शुरुआत:
➡️ 14 अप्रैल 2025 से
➡️ (चैत्र पूर्णिमा के अगले दिन से वैशाख प्रतिपदा मानी जाती है)

समाप्ति:
➡️ 12 मई 2025 तक (वैशाख पूर्णिमा)

वैशाख मास का धार्मिक महत्व

  1. पवित्र स्नान का माह

    • विशेष रूप से गंगा स्नान, तीर्थ स्नान आदि का महत्व।

    • कहा गया है कि वैशाख में सूर्योदय से पहले स्नान करने से पाप नष्ट होते हैं।

  2. दान और सेवा का माह

    • इस महीने जल दान, अन्न दान, कपड़े और पंखे दान करने का विशेष महत्व है।

    • प्यासे को पानी पिलाना और ब्राह्मणों को भोजन कराना पुण्यकारी माना जाता है।

  3. व्रत और पूजा

    • धार्मिक अनुष्ठान, भगवान विष्णु की पूजा, और ध्यान इस महीने विशेष फलदायक माने जाते हैं।

वैशाख मास के प्रमुख व्रत और पर्व

दिनांकपर्व / व्रतमहत्व
14 अप्रैल 2025वैशाख मास प्रारंभपुण्यकाल का आरंभ
17 अप्रैलवरुथिनी एकादशीविष्णु पूजन का दिन
19 अप्रैलप्रदोष व्रत (शुक्रवार)शिव पूजन के लिए श्रेष्ठ
20 अप्रैलहनुमान जयंतीबजरंगबली की आराधना
27 अप्रैलअक्षय तृतीयासबसे शुभ तिथि, किसी भी शुभ काम की शुरुआत का उत्तम दिन
29 अप्रैलचंद्र दर्शनचंद्रमा पूजन
3 मईमोहिनी एकादशीविष्णु का मोहिनी रूप पूजन
8 मईनरसिंह जयंतीभगवान विष्णु के नरसिंह अवतार का उत्सव
12 मईबुद्ध पूर्णिमागौतम बुद्ध की जयंती, वैशाख मास समाप्ति

वैशाख माह में क्या करना चाहिए?

✅ सूर्योदय से पहले स्नान
✅ श्रीहरि विष्णु और भगवान शिव की पूजा
✅ तुलसी में दीपक जलाना
✅ जरूरतमंदों को जल व भोजन दान देना
✅ दुर्व्यवहार, क्रोध और अपशब्द से बचना

शास्त्रों में उल्लेख

स्कंद पुराण, पद्म पुराण और महाभारत आदि ग्रंथों में वैशाख मास की बहुत प्रशंसा की गई है। कहा गया है:

“वैशाखे मासि स्नानं तु नराणां परमं स्मृतम्।”
(वैशाख मास में किया गया स्नान सर्वोत्तम फल देता है।)

~ रिलीजन वर्ल्ड ब्यूरो

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