वास्तु अनुसार घर के लिए सम्पूर्ण वास्तु
- वास्तुशास्त्री रोबिन गोस्वामी
वास्तु के अनुसार घर बनाना हमारे जीवन में कई समस्याओं को आने से रोकता हैं। घर वह स्थान होता है जहां हम रहते हैं। वहां की ऊर्जा सीधे हमारे मन पर अपना प्रभाव डालती हैं।
वास्तु विशेषज्ञ रोबिन गोस्वामी द्वारा, आप सब भी अपने घर में वास्तुशास्त्र के नियमों को अपना कर अपने घर को वास्तु अनुकूल बना सकते हैं। ऐसे करने से हमे अपने घर के वातावरण तथा घर की ऊर्जा से अपने जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती हैं।
आप ने ये महसूस किया होगा की किसी के घर की ऊर्जा ऐसी होती है की आप वहाँ से वापस नहीं आना चाहते , वहां रहने वाले सभी लोग बहुत खुश रहते हैं। और कुछ घर ऐसे देखे होंगे की वहाँ जाने के बाद आप चीड़ चिड़ापन महसूस करते है और उस घर के सभी सदस्य हमेशा झगड़ते रहते हैं।
ऐसा होने का सबसे बड़ा कारण होता है – घर का वास्तु ! हमें सभी भी ऐसे घर की आशा करते है जहाँ रहकर हमे अच्छा लगे, हमारे जीवन में भी खुशियाँ हो। ऐसे घर यदि आप भी चाहते है तो हम ऐसे घर के लिए वास्तु के नियमों को समझेंगे जोकि घर में बनी चीजों का स्थान व उनके नियमों की जानकारी देता हैं।
घर का मुख्यद्वार:
घर का मुख्यद्वार किसी भी घर के वास्तु में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं, यहां से ही घर में ऊर्जा का प्रवेश होता हैं। घर के अंदर आने वाली ऊर्जा घर में बने मुख्यद्वार से होकर अंदर आती है यही कारण है की मुख्यद्वार को घर के बाकी दरवाजो की तुलना में बड़ा बनाया जाता हैं।
घर के मुख्यद्वार को ईस्ट व नार्थ दिशा में बना होना घर के वास्तु के लिए बहुत शुभ माना जाता हैं।
साथ ही ये भी ध्यान रखना चाहिए की मुख्यद्वार के सामने कोई भी पेड़ नहीं होना चाहिए।
मुख्यद्वार के लिए वास्तु टिप्स:
यहां हम मुख्यद्वार के लिए वास्तु टिप्स के बारे में पढ़ेंगे जो की हमे मुख्यद्वार वास्तु को सही प्रकार से अपनाने में हमारी मदद करेंगे।
- मुख्यद्वार के पास हमेशा रौशनी होनी चाहिए। ऐसे करने से घर में सदैव खुशहाली बनी रहती हैं।
- स्वस्तिक का चिन्ह मुख्यद्वार पर लगाने से वहां से आने वाली ऊर्जा सकारात्मक हो जाती हैं , जिससे की घर में ऊर्जा का प्रवाह बना रहता हैं।
- यदि आप मुख्यद्वार पर रंग कराना चाहते है तो ग्रे तथा नीला रंग वास्तु के अनुसार बहुत अच्छा होता है ऐसे करने से घर में बीमारी नहीं रहती।
- किसी भी प्रकार का कमरा मुख्यद्वार के पास नहीं बनाना चाहिए ऐसा होने पर घर का बड़ा बेटा अपने जीवन में हमेशा कम उन्नति करता हैं।
- टॉयलेट के सामने कभी भी मुख्यद्वार नहीं बना होना चाहिए।
ब्रह्मस्थान वास्तु:
हम सभी लोगों ने वास्तुशास्त्र के बारे में सुना होता है, बहुत से लोग अपने घर में वास्तु नियमों को अपनाकर अपना घर बनाते है, परन्तु तब भी उन्हें ब्रह्मस्थान के बारे में नहीं पता होता।
घर के मध्य या सेंटर को ब्रह्मस्थान कहा जाता हैं , यह घर के मुखियाँ पर अपना सीधा प्रभाव डालता है, यदि किसी घर में इस जगह किसी भी प्रकार का दोष पाया जाता है तो वहां रहते वाले घर के मुखिया को कई प्रकार की समस्या होती हैं।
घर के ब्रह्मस्थान के सम्बन्ध में वास्तुशास्त्र में विस्तार से समझाया गया है जिसके अनुसार ब्रह्मस्थान में किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं करना चाहिए।
ब्रह्मस्थान में पूजा घर बना होना घर के 70 % दोषो को कम कर देता हैं।
आगे हम ब्रह्मस्थान के लिए वास्तु टिप्स जानेगे जोकि हमे इसके बारे में ज्यादा समझने में हमारी मदद करेंगे।
वास्तु टिप्स फॉर ब्रह्मस्थान:
- घर के ब्रह्मस्थान में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए।
- यदि ब्रह्मस्थान में सफ़ेद रंग किया हो तो वह घर के मुखिया को बहुत सफलता देता हैं।
- ब्रह्मस्थान को यदि हो सके हो तोखुला रखें ऐसा करने से घर में उजाला भी रहता हैं।
टॉयलेट की दिशा:
घर में टॉयलेट बनाना आजकल से आधुनिक समय की मांग हैं , पहले के समय में टॉयलेट घर के बाहर बनाये जाते थे। ऐसा करने का मुख्य कारण टॉयलेट की गन्दगी से अपने घर की ऊर्जा को बचाना था।
परन्तु आजकल बैडरूम के साथ ही टॉयलेट बनाने की परम्परा है और ये भी कह सकते है की जरूरत हैं। इसलिए आवश्यक है की टॉयलेट को वास्तु के नियमों के हिसाब से बनाया जाये।
वास्तु के अनुसार टॉयलेट नार्थ–वेस्ट दिशा में होने चाहिए, इस दिशा को वास्तुशास्त्र में नुएट्राल जोन कहा जाता हैं।
परन्तु हमे ये ध्यान रखना चाहिए की टॉयलेट ईशान कोण में ना बना हो ऐसा होने पर घर में पैसों की समस्या बनी रहती हैं। टॉयलेट वास्तु एक बहुत बड़ा विषय है इसको समझने के लिए इसको विस्तार से जानना जरुरी हैं। आईये वास्तु टिप्स फॉर टॉयलेट के बारे में जानते हैं।
वास्तु टिप्स फॉर टॉयलेट:
वास्तु के अनुसार घर का मुख्य बिंदु है, वास्तु अनुसार टॉयलेट का बना होना।
ऐसा करने के लिए जरुरी है की आप आगे दिए गए टॉयलेट सम्बन्धी वास्तु नुस्खे ध्यान से समझे।
- टॉयलेट के अंदर हरा रंग करना चाहिए।
- घर के किचन व टॉयलेट का दरवाजा आमने सामने नहीं होना चाहिए।
- किसी भी प्रकार की फोटो टॉयलेट में नहीं रखनी चाहिए।
- यदि घर का टॉयलेट वास्तु द्वारा बतायी दिशा के विपरीत बना हो तो उसका उपाय कराना चाहिए।
सीढ़ियों की दिशा :
वास्तुशास्त्र में ऐसा माना जाता है की सीढ़ियों पर घर का वजन होता हैं , और घर का वजन सही दिशा में होना बहुत आवश्यक होता हैं। इसलिए हमे सीढ़ियों की दिशा व उसके लिए बताये वास्तु नियमो को समझना जरुरी हैं।
वास्तु के अनुसार सीढ़ियों को घर के नार्थ–वेस्ट तथा साउथ–ईस्ट में ही बनाना चाहिए। तथा सीढ़ियों को सम संख्या में बनाना चाहिए।
सीढ़ियों के दोष से घर में पैसो की समस्या रहती है तथा घर में तनाव रहता हैं। इसके लिए हम सीढ़ियों के लिए वास्तु टिप्स के बारे में समझते हैं।
वास्तु टिप्स फॉर स्टैर्स:
- सीढ़ियों को ब्रह्मस्थान में नहीं बनाना चाहिए।
- घर में सीढ़ियों के नीचे स्टोर रूम बनाने से घर में किसी भी कार्य में सफलता नहीं मिलती।
- यदि सीढ़ियों के नीचे इलेक्ट्रिक मोटर लगी हो तो वह घर में तनाव पैदा करता हैं।
वास्तुशास्त्र के बताये नियमों के अनुसार घर बनाने के लिए मुख्य बिंदु ऊपर बताये गए है जो किसी भी घर के वास्तु में मुख स्थान रखते हैं।
यदि आपका वास्तु के लिए कोई भी प्रश्न हो तो आप हमे संपर्क करें।
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