वैदिक यात्रा परिवार ने कोरोना आपदा के वक्त की जीव और मानव सेवा
वृंदावन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण सम्पूर्ण देश में लॉकडाउन है । लोकडाउन की स्थिति में जहाँ एक ओर गरीब निर्धन मजदूर दैनिक वेतन भोगी व साधु संतों के सामने भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई, वहीं दूसरी ओर मूक पशु गाय, वानर, पक्षी आदि के सामने भी भूख-मिटाने की समस्या थी। वैदिक पथिक भागवतकिंकर अनुराग कृष्ण शास्त्री के हृदय में पूज्य श्रीदादागुरुजी की ही प्रेरणा से सभी प्राणियों के लिए यथा संभव भोजन उपलब्ध कराने का भाव उत्पन्न हुआ और उन्होंने तुरन्त अपने पूज्य पिताजी, वैदिक यात्रा परिवार व गुरुकुल परिवार एवं भागवत सेवा संस्था के पदाधिकारियों के साथ सभी को भोजन देने की योजना बनाई। साथ ही श्रीराधामाधव युगल निहारी सरकार से प्रार्थना की कि वे उन्हें शक्ति व सामर्थ्य प्रदान करें, जिससे सेवा हो सके ।
इसी क्रम में उन्होंने कहा कि सभी में एक ही आत्मा है फिर चाहे वह मानव हो या वानर । सभी के प्राणों को भूख का अनुभव होता है और फिर लॉक डाउन के दिन से ही नर-वानर-नारायण सेवा आरम्भ हो गई, जिसमें प्रतिदिन पूड़ी-सब्ज़ी, वास्तविक ज़रूरतमंदों को सूखा राशन तथा वानरों को केले, फ़ल, सब्जी आदि मिलना शुरू हो गया । प्रभु कृपा से सेवा की नदी अभी भी निरन्तर प्रवाहमान है ।