46 साल बाद धनतेरस 2017 पर बन रहा कलानिधि योग, जानिए इसके मायने
46 साल बाद धनतेरस पर कलानिधि योग बन रहा है। तीन योग एक साथ होने पर कलानिधि योग बनता है। इस दिन प्रदोष काल में की गई पूजा अर्चना से धन वैभव में वृद्धि होती है। इससे सोना चांदी के साथ ही स्थायी संपत्ति में निवेश करना भी लाभदायक रहेगा।
17 अक्टूबर मंगलवार को धनतेरस प्रदोष बेला के साथ है। इस दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र प्रदोष होने से समय ग्रह स्थिति में व्रषभ लग्न से पंचम में शुक्र मंगल एवं चंद्रमा की युति से धन लक्ष्मी योग, श्री वृद्धि योग एवं श्री वत्स योग एक साथ पड़ रहे हैं। इन तीन योग के एक साथ होने से कला निधि योग बन रहा है।
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार ऐसा संयोग 46 साल बाद बन रहा है। इस योग में महालक्ष्मी पूजन से धन धान्य में वृद्धि के साथ ही सुख समृद्धि भी प्राप्त होती है। धनतेरस पर आरोग्य के देवता धन्वंतरि का जन्म भी समुद्र मंथन से हुआ था। ये आयुर्वेद के जनक माने जाते हैं। धनतेरस पर पूजा का मुहूर्त शाम 6.04 मिनट से 8.28 बजे तक रहेगा। इस दिन तेरस सूर्य उदय से रात्रि 11.29 बजे तक रहेगी।