हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विनायक चतुर्थी मनाई जाती है और आज श्रावण शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पड़ रही है। विनायक चतुर्थी का दिन गणपति महाराज को समर्पित है।
मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है। आइए आज जानते हैं विनायक चतुर्थी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय…
भगवान गणेश की पूजा का दिन
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधि- विधान से पूजा की जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत करना शुभ माना जाता है। अगर व्रत करना संभव नहीं तो इस दिन भगवान गणेश की पूजा कर सात्विक भोजन करें।
विनायक चतुर्थी का मुहूर्त
अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से दिन में 12 बजकर 55 मिनट तक।
रवि योग: प्रात:काल 05 बजकर 38 मिनट से दोपहर 04 बजकर 03 मिनट तक।
अमृत काल: दिन में 10 बजकर 06 मिनट से 11 बजकर 35 मिनट तक।
चंद्रोदय और चंद्रास्त
आज के दिन चंद्रोदय सुबह 09 बजकर 09 मिनट पर होगा और चंद्र का अस्त उसी दिन रात को 10 बजकर 13 मिनट पर होगा।
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विनायक चतुर्थी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। भगवान गणेश की पूजा करने से कार्यों में किसी भी तरह की कोई रुकावट नहीं आती है। इसलिए गणपति महाराज को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है।
विनायक चतुर्थी पूजा-विधि
सुबह उठ कर स्नान करें।
स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान गणेश को स्नान कराएं।
स्नान के बाद भगवान गणेश को साफ वस्त्र पहनाएं।
भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं।
सिंदूर का तिलक अपने माथे में भी लगाना चाहिए।
गणेश भगवान को दुर्वा अतिप्रिय होता है। भगवान गणेश को दुर्वा अर्पित करना चाहिए।
गणेश जी की आरती करें।भगवान गणेश को भोग लगाएं।
गणेश भगवान को लड्डू, मोदक पसंद होते हैं। अगर संभव हो तो गणेश जी को लड्डू, मोदक का भोग लगाएं।
आप अपनी इच्छानुसार भी भगवान गणेश को भोग लगा सकते हैं, बस इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक भोजन का ही भोग लगाया जाता है।
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