जन्माष्टमीं पर वृंदावन के श्री राधारमण देव जू का प्रादुर्भाव
वृंदावन। श्री गोपाल भट्ट गोस्वामी जी के प्रेम वशीभूत हो शालिग्राम जी से स्वयं प्रकटित श्री राधारमण देव जू का प्रादुर्भाव हुआ था । तब से आज पर्यन्त श्री राधारमण जयन्ती तथा श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन महाभिषेक की परम्परा अनुष्ठित होती आ रही है ।
अभिषेक के दिन श्री राधारमण जू के दर्शन अति मनोरम और दिव्य होते हैं – सफेद मुलायम से वस्त्र में, मोर पुछ, स्वर्ण के कुण्डल ,माला करधनी,नूपुर धारण किये । घण्टी का नाद के बीच मंत्रोउच्चरन के साथ हर गोस्वामी गण अपने उमड़ते प्रेम को शंख में भरे दुग्ध की धाराओं के साथ लाल जू को अभिषेक करवा उनका मनोहार करतें हैं ।
पन्चामृत की धाराओं से सने श्री जी के दर्शन उपस्थित हर श्रद्धालु को मन्त्र मुग्ध कर देते हैं। अभिषेक के उपरान्त पीली पोशाक में , अलंकारों से शोभायमान श्रीजी को यग्योपवीत धारण करा- नारियल , ताम्बूल , पुष्प अर्पित करते हैं गोस्वामीजन और उनको आशीष देते हैं- “चिर जीवो ललना”
अति हृदयस्पर्शी और आनंद से ओतप्रोत होता है वो हर पल जिसे शब्दों में वर्णन करना सम्भव ही नहीं।
देखिए अभिषेक का खास वीडियो…