दिल्ली से आए एक्सपर्ट की टीम ने बताए ब्रह्माकुमारी संस्थान में कचरा प्रबंधन के टिप्स
- दिल्ली से आए एक्सपर्ट की टीम ने बताए कचरा प्रबंधन के टिप्स
- ब्रह्माकुमारी के शांतिवन परिसर में हुआ प्रशिक्षण
- स्वच्छता अभियान को लेकर संस्थान ने की तैयारी
- दादी जानकी हैं स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसेडर
14 जून, आबू रोड (निप्र)। ब्रह्माकुमारी संस्थान के शांतिवन परिसर में गुुरुवार को कचरा प्रबंधन एवं रीसाइकिल को लेकर प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इसमें दिल्ली से आए एक्सपर्ट की टीम ने शांतिवन निवासी सभी डिमार्टमेंट के इंचार्ज भाई-बहनों को कचरा प्रबंधन एवं रीसाइकिल के टिप्स बताए।
दिल्ली से आईं कारचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की बिजनेस डेवलपर सुरंजना मुखर्जी ने बताया कि हम रोजाना निकलने वाले कचरे का सही तरीके से प्रबंधन करके इसके उपयोग लायक कचरे का फिर से खाद के रूप में उपयोग कर सकते हैं। कचरा एकत्रित करते समय हमेशा याद रखें कि गीला कचरा एवं सूखा कचरे अलग-अलग डस्टबिन में डालें। बाद में इसे एकत्रित करते समय भी अलग ही रखें। टे्रनर देवेंद्र सिंह ने कहा कि गीले कचरे में फल-सब्जी, घास आदि को अलग रखकर इसका फिर से खाद के रूप में उपयोग कर सकते हैं। वहीं पॉलीथिन आदि को अलग रखकर हम इसे उचित तरीके से डंफ कर पर्यावरण संरक्षण में सहयोग दे सकते हैं। प्रशिक्षण का उद्देश्य शांतिवन सहित ब्रह्माकुमारी संस्थान के माउंट आबू स्थित पांडव भवन, ज्ञान सरोवर आदि में भी कचरे का उचित प्रबंधन कर उसकी फिर से उद्यान, पेड़-पौधों, बगीचा और पार्क में उपयोग खाद के रूप में करना है। साथ ही प्लास्टिक के कचरे को अलग रखकर बाद में उसे रिसाइकिल प्लांट भेज सकते हैं ताकि इसका फिर से सही उपयोग हो सके।
इस दौरान मेडिकल विंग के कार्यकारी सचिव डॉ. बीके बनारसीलाल शाह ने कहा कि हम कचरा प्रबंधन को लेकर गंभीर हैं। हमारा मकसद हमेशा रहता है कि कचरे का उचित प्रबंधन करके पर्यावरण संरक्षण में सहयोग दें। इसमें दिल्ली से आए एक्सपर्ट ने जो टिप्स दिए हैं उनका पालन करके अब कचरे का बेहतर मैनेजमेंट किया जाएगा। शांतिवन के मुख्य अभियंता बीके भरत ने कहा कि संस्थान की मुख्य प्रशासिका 103 वर्षीय दादी जानकी जी स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसेडर भी हैं। इसलिए संस्थान स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करता है।