असीसी, इटली में हुआ जल विशेषज्ञों का सम्मेलन
- असीसी, (इटली) में हुआ अस्सी (वाराणसी) नदी की स्वच्छता का संकल्प
- अस्सी नदी बनेगी सीवर प्वाइंट से सेल्फी प्वांइट-स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश, 30 जून। असीसी, इटली में जल विशेषज्ञों की कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता और ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासविच साध्वी भगवती सरस्वती जी ने विश्व विख्यात जल विशेषज्ञों के साथ जल संरक्षण एवं नदियों को स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त करने हेतु विशद चर्चा की ।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने असीसी (इटली) में अस्सी (वाराणसी) नदी की स्वच्छता एवं प्रदूषण मुक्त करने हेतु विशद चर्चा की। इस कार्यशााला में एसीसी अकादमी, राष्ट्रीय जल प्रयोगशाला, जल उद्योग तथा जल विशेषज्ञों ने सहभाग किया।
भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी अस्सी घाट को स्वच्छ स्वरूप प्रदान करने का आह्वान किया था। स्वामी जी महाराज ने कहा कि अब अस्सी घाट के साथ अस्सी नदी जो नाले के रूप में तब्दील हो गयी है उसका भी जीर्णोद्धार किया जाना चाहिये। वर्तमान समय में वाराणसी की अस्सी व अन्य नदियां अपना वजूद खो चुकी है, उनकी स्थिति बेहद दयनीय, मृतप्राय और एक दुर्गन्ध युक्त नाले के रूप में परिवर्तित हो गयी है। अपना वजूद खो चुकी अस्सी नदी को जीवंत बनाने के लिये मिलकर प्रयास करना नितांत आवश्यक है।
ताजा आंकडों के अनुसार प्रतिवर्ष लगभग 300 एमएलडी से अधिक सीवेज उत्पन्न जो वर्ष 2030 तक बढ़कर लगभग 390 एमएलडी होने का अनुमान है। यह सीवेज अस्सी सहित अन्य नदियों के होता हुआ गंगा में मिल जाता है अतः गंगा को स्वच्छ रखने के लिये पहले उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ करना आवश्यक है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने इस सम्मेलन में नीदरलैण्ड की डच प्रौद्योगिकी का उपयोग ऋषिकेश के चन्द्रभागा नाला को डाॅ रजनीश मेहरा जी के सक्षम नेतृत्व में सीवर प्वांइट से सेल्फी प्वांइट के परिवर्तित किया इस तकनीकी पर भी विचार विमर्श हुआ। स्वामी जी महाराज ने कहा, इस समागम का लक्ष्य है, ’’आप सभी अपने टाइम, टैलेंट, टेक्नोलाॅजी एवं टेनासिटी के साथ विश्व की सभी प्रदूषित होती नदियों के लिये कार्य।
इस अवसर पर जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि हमारा उद्देश्य एक स्वच्छ, समुन्नत एवं सुन्दर विश्व के निर्माण करना तथा माँ गंगा व विश्व की अन्य नदियों को निर्मल एवं अविरल स्वरूप प्रदान करना है। गंगा, करोड़ों भारतीयों की आस्था का केन्द्र है; हमारी संस्कृति है, सभ्यता है और करोड़ों लोगों की जीवन रेखा है। गंगा एवं अन्य नदियाँ इस सृष्टि का अनुपम वरदान हैं। अतः उन सभी नदियों को जो सीवेज के रूप में तब्दील हो गयी है उन्हे ’’सीवेज पाॅइन्ट से सेल्फी पाॅइन्ट’’के रूप में परिवर्तित करना।
इस सम्मेलन में असीसी, इटली से अस्सी, वाराणसी तक स्वच्छ जल एवं स्वच्छ नदियों का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर जल विशेषज्ञ डाॅ एरिक लाराकर, फ्रांसीसी वस्र्टीग, श्री आर जांतिंग, वाटर प्रीनर्स के प्रबंध भागीदार ब्रीउक्स माइकौद, नीदरलैण्ड के वेंडी एडका और कोरी डी लेंज एवं अन्य विश्व विख्यात जल विशेषज्ञों ने सहभाग किया साथ ही इस अवसर पर नीदरलैण्ड्स के शान्ति प्रतिज्ञा परियोजना के एमएस ब्रिजेट ने भी सहभाग किया।
जल महासम्मेलन में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने असीसी की धरती से जल विशेषज्ञों एवं भारतीय तकनीक के सहयोग से सभी को साथ लेकर अस्सी नदी को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प किया ताकि सबका साथ सबका विकास सूत्र को चरितार्थ किया जा सके।