Post Image

लट्ठमार होली : बरसाना और नंदगांव की अनोखी होली : क्या और कैसे खेली जाती है Lathmar Holi?

लट्ठमार होली : बरसाना और नंदगांव की अनोखी होली : क्या और कैसे खेली जाती है Lathmar Holi?

मथुरा और वृंदावन की मशहूर होली में लट्ठमार होली का खास स्थान है। मिथकों के अनुसार मथुरा के बरसाना में राधा रानी का जन्मस्थान है। यहीं बरसाना में होली की तिथि के कुछ दिन पहले से ही होली का तयोहार हर्षोल्लास से मनाना शुरु हो जाता है। देश-विदेश में मशहूर लट्ठमार होली की वजह से बरसाना में हर साल लाखों लोग आते है।

मान्यता के अनुसार नंदगांव के पुरूष इस दिन बरसाना में आते है और राधाजी के मंदिर पर ध्वज फहराते है। सालों से ये अवसर होली पर ही पूरा किया जाता है। और इसी से जुड़ी है लट्ठमार होली की परंपरा। दरअसल जब ये गोप, यानि नंदगाांव के होरियारे बरसाना में घुसते है, उन्हें मंदिर तक जाने के रास्ते में बरसाना की राधाएं, उनका रास्ता रोकती है। और उसके लिए वो लट्ठ यानि डंडे का इसंतेमाल करती है। हाथों में लट्ठ लिए महिलाओं को होली के दिनों में राधारानी का अवतार माना जाता है। और इसीलिए पुरुष केवल मार खाने के लिए तैयार रहते है। इसी हंसी ठिठोली के माहौल में संगीत का खास योगदान होता है। दोनों ही समूह अपने तरीके के होरी गाते हैं, झूमते है। ये गीत राधा और कृष्ण के बीच हुआ संवाद होते है, जो सदियों से ब्रज की गली गली में लोगों को याद है। पुरुष अपने बचाव में गुलाल और रंग का भरपूर प्रयोग करते है, जिससे माहौल पूरा रंगीला हो जाता है।

लट्ठमार होली से जुड़ी एक और खास परंपरा सैकड़ों सालों से निभाई जाती है। जब बरसाना की महिलाएं पुरुषों को राधारानी के मंदिर पर झंडा फहराने से रोकती है, तो पुरुष किसी न किसी तरह से उन्हें चकमा देेने की कोशिश करते है। और अगर इस घरपकड़ में कोई पुरुष महिलाओं द्वारा पकड़ा जाता है, को उसकी या तो जमकर पिटाई होती है, या उसे महिलाओं के वस्त्र पहनकर और नारियों सा श्रंगार करके नृत्य करना होता है। ये दृश्य देखने योग्य होता है।

मान्यता है कि पौराणिक काल में श्रीकृष्ण को बरसाना की गोपियों ने नचाया था। बरसाना और नंदगांव में जो भी रंग और गुलाल का इस्तेमाल होता है, वो बिल्कुल प्राकृतिक होता है, इससे चारों ओर का माहौल बहुत ही सुगन्धित होता है। लट्ठमार होली की ये परंपरा का एक और पहलू भी है। पहले दिन ये बरसाना में मनाई जाती है, और इसके अगले दिन बरसाना के पुरुष नंदगांव जाते है। और नंदगांव की महिलाएं बरसाना के पुरुषों की पिटाई करती है। होली का ये उत्सव क़रीब सात दिनों तक चलता है।

आज की लट्ठमार होली के दृश्य..

Post By Religion World