जानिए क्यों मनाई जाती है हरतालिका तीज और क्या होगा शुभ मुहूर्त
हरतालिका तीज सुहागन महिलाओं के लिए एक प्रसिद्ध त्यौहार है जिसे हर साल मनाया जाता है। इस बार हरतालिका तीज 1 सितंबर 2019 को मनाया जाने वाला है। वैसे तो साल में दो बार तीज का पर्व आता है और दोनों के नाम अलग हैं लेकिन मान्यता एक ही है।
इन राज्यों में मनाई जाती है हरतालिका तीज
हरतालिका तीज सुहागन महिलाओं के लिए एक वरदान है। इस दिन सभी सुहागन महिलाएं सजति व सवंरती है और पति के लंबी उम्र की कामना करती है। बता दें कि, उत्तर भारत और महाराष्ट्र (जैसे कई राज्यों में इस त्यौहार को बड़े ही धुमधाम से मनाया जाता है वहीं दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में इसे गौरी हब्बा के नाम से बुलाया जाता है।
क्यों मनाई जाती है हरतालिका तीज
पौराणिक कथाओं के मुताबिक माता पार्वती भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करना चाहती थी जिसके लिए उन्होंने रेत से बने एक शिवलिंग का सृजन किया और कई दिनों तक कठोर तपस्या की। तपस्या के दौरान मां पार्वती ने अन्न और जल का त्याग कर दिया था।
यह देखकर भोलेनाथ उनकी भक्ति से प्रसन्न हुए और उनके सामने प्रकट हुए। भगवान शिव ने मां पार्वती से वरदान मांगने के लिए कहा, जहां उन्हें शिव को अपने पति रूप में प्राप्त करने की इच्छा जताई। इसके बाद भगवान शिव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया।
क्या है पूजन विधि
ये दिन हर सुहागन महिलाओं के लिए बेहद शुभ माना गया है। इस दिन की कई पूजा से भगवान शिव और मां पार्वती अपने भक्तों को मनचाहा वरदान देती है। इस दिन पूजा करने के लिए सुर्योदय से पहले उठकर सारे कार्यों से निवत्तृ हो जाएं।
इसके बाद स्नान आदि करकर महिलाएं लाल रंग के वस्त्रों को धारण करें, लाल या फिर हरी चुड़िया पहने और साज-श्रृंगार करें। अब मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियों को बनाएं और उनकी पूजा करें। पूजा करने से पूर्व शिवलिंग पर जल चढ़ाना ना भूलें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाए और फूल, अगरबत्ती या धुपबत्ती के साथ भगवान की पूजा करें।
हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त