गणपति को क्यों पसंद है मोदक और क्यों लगाया जाता है इसका भोग
गणेश चतुर्थी चतुर्थी से चतर्दर्शी तक यानी दस दिनों तक चलती है। इस साल गणेश चतुर्थी 13 सितंबर को मनाई जाएगी। भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। किसी भी भगवान की पूजा बिना प्रसाद चढ़ाएं कभी पूरी नहीं होती। हर देवी-देवता को अलग-अलग प्रसाद पसंद होता है।
क्यों गणपति को प्रिय है मोदक
गणपति जी को मोदक अति प्रिय है। लेकिन क्या आपको जानते हैं ऐसा क्यों है? चलिए आपको बताते हैं-
शास्त्रों में वर्णन हैं मोदक का अर्थ होता हैं मोद (आनन्द) देने वाला, जिससे आनंद मिलता है। इसका गहरा अर्थ यह है कि तन का आहार हो या मन के विचार वह सात्विक और शुद्ध होना जरुरी है, तभी आप जीवन का वास्तविक आनंद पा सकते हैं।
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मोदक ज्ञान का प्रतीक
मोदक ज्ञान का प्रतीक होता हैं, इसलिए यह ज्ञान के देवता भगवान गणेश को अतिप्रिय हैं। मोदक जिस प्रकार बाहर से कड़ा व भीतर से नरम और मिठास से भरा होता है। उसी प्रकार घर का मुखिया ऊपर से सख्ती से नियमों का पालन करवाएं एवं भीतर से नरम रहकर सभी का पालन पोषण करे तो उस घर में सुख व्याप्त होता है। वैसे ही जो जातक हजार मोदको से गणेशजी को भोग लगाता है वह जातक अपनी समस्त कामनाओं को पूर्ण करता है।
गणेश चतुर्थी चतुर्थी से चतर्दर्शी तक यानी दस दिनों तक चलती है। इस साल गणेश चतुर्थी 13 सितंबर को मनाई जाएगी।