शांतिकुंज में नारी जागरण शिविर का समापन
- पांच दिवसीय शिविर में गुजरात की बारह जिलों के बहिनों की रही भागीदारी
हरिद्वार 24 जुलाई। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज देश भर में नारी जागरण हेतु विशेष अभियान चला रहा है। इसके अंतर्गत अलग-अलग राज्यों की बहिनों को पाँच दिवसीय नारी जागरण शिविर में परिवार, समाज व राष्ट्र के विकास में सहयोग देने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसी क्रम में गुजरात के सूरत, बलसाड़, नवसारी, महेसाणा महिसागर, राजकोट सहित बारह जिलों से आईं दो सौ से अधिक बहिनों के शिविर का सोमवार को समापन हुआ। पाँच दिन चले इस शिविर में कुल 23 सत्र हुए, जिसमें विषय विशेषज्ञ बहिनों ने सैद्धांतिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण दिये।
प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करते हुए संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि शांतिकुंज की नारी जागरण अभियान की अपनी एक अलग विशेषता है। यह आंदोलन नारी का सर्वांगीण विकास कर उसके गौरवमयी स्वरूप का बोध कराना, नारी के मौलिक गुणों का विकास करना एवं उसके खोये हुए वर्चस्व को पुनः स्थापित करने का है। नारी जागरण के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि परिवार में शालीनता उत्पन्न करना, भावी पीढ़ी को समुन्नत बनाना, सर्वतोमुखी आर्थिक प्रगति का पथ प्रशस्त करना व सद्भावना और सत्प्रवृत्तियों के अभिवर्धन का आधार खड़ा करना है।
समापन सत्र को संबोधित करते महिला मंडल प्रमुख श्रीमती यशोदा शर्मा ने कहा कि सुसंस्कृत परिवार की धुरि है- सुशिक्षित, स्वावलंबी और प्रगतिशील नारी। नारी को उसकी गरिमामय स्वरूप को विकसित और प्रतिष्ठित होने जो अभियान शांतिकुंज की ओर से चलाया जा रहा है, उसमें समाज के सभी वर्ग का सहयोग अपेक्षित है। श्रीमती शर्मा ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से नारी शक्ति के जागरण पर विस्तार से जानकारी दी।
शिविर में बालसंस्कार शाला, संगठन का स्वरूप, नारी जीवन की समस्याएँ- समाधान, बच्चों के शासक नहीं-सहायक बनें, स्वाध्याय जीवन की अनिवार्यता, आदर्श ग्राम योजना, जल संरक्षण-हरीतिमा संवर्धन व स्वच्छता अभियान, गर्भोत्सव एक आन्दोलन, स्वावलंबन एवं व्यावहारिक स्वरूप आदि विषयों पर डॉ. गायत्री शर्मा, श्रीमती अपर्णा पॅवार, स्वाति सोनी, डॉ. रश्मि शर्मा, शालिनी वैष्णव, श्यामा, नीलम आदि बहिनों ने सैद्धांतिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया।