पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करने और पृथ्वी को बचाने के संकल्प के साथ हर साल 22 अप्रैल को दुनियाभर में पृथ्वी दिवस मनाया जाता है.
वर्ल्ड अर्थ डे का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र में पृथ्वी दिवस को हर साल मार्च एक्विनोक्स (वर्ष का वह समय, जब दिन और रात बराबर होते हैं) पर मनाया जाता है और यह दिन प्रायः 21 मार्च ही होता है. इस परंपरा की स्थापना शांति कार्यकर्ता जॉन मक्कोनेल द्वारा की गई थी.
वैश्विक स्तर पर लोगों को पर्यावरण के प्रति संवदेनशील बनाने के लिए 22 अप्रैल 1970 को पहली बार पृथ्वी दिवस वृहद स्तर पर मनाया गया था. तभी से हर साल 22 अप्रैल को यह दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया.
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पहले दो बार मनाया जाता था
पृथ्वी दिवस पहले हर साल दो बार 21 मार्च तथा 22 अप्रैल को मनाया जाता था लेकिन साल 1970 से यह दिवस 22 अप्रैल को ही मनाया जाना तय किया गया. 21 मार्च को पृथ्वी दिवस केवल उत्तरी गोलार्द्घ के वसंत तथा दक्षिणी गोलार्द्ध के पतझड़ के प्रतीक स्वरूप ही मनाया जाता रहा है.
21 मार्च को मनाए जाने वाले पृथ्वी दिवस को हालांकि संयुक्त राष्ट्र का समर्थन प्राप्त है, लेकिन केवल वैज्ञानिक व पर्यावरणीय महत्व ही है जबकि 22 अप्रैल को मनाए जाने वाले पृथ्वी दिवस का पूरी दुनिया में सामाजिक एवं राजनैतिक महत्व है.
क्या है वर्ल्ड अर्थ डे की थीम
इस बार कोरोना काल में अर्थ डे की थीम है ‘पृथ्वी को फिर से अच्छी अवस्था में बहाल करना‘. जिसके लिए उन नेचुरल रिसोर्सेज और उभरती हुई तकनीकों पर ध्यान देना होगा जो दुनिया के पारिस्थिकी तंत्र को फिर से कायम करने में मददगार साबित होंगे.
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