विश्व धर्म संसद दिल्ली में आयोजित होगी
- पर्यावरण प्रदूषण से वैचारिक प्रदूषण अधिक ख़तरनाक आचार्य लोकेशजी
गाजियबाद। 26 अगस्त 2019 नवयुग मार्किट गाज़ियाबाद में आज एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए धार्मिक सदभावना एवं विश्व शांति केंद्र के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आचार्य डॉ लोकेशजी ने बताया की 1893 में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में आयोजित विश्व धर्म संसद में अपने ऐतिहासिक संबोधन से पूरी दुनिया में भारत का परचम फहराया था। उस ऐतिहासिक प्रसंग के सवा सौ साल पूर्ण होने के उपलक्ष में दिल्ली में सांकेतिक विश्व धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है। अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की मौलिक विशेषता है। सर्व धर्म सदभाव उसका मूल मंत्र है ।आचार्य डॉ लोकेशजी ने कहा की पर्यावरण प्रदुषण से अधिक खतरनाक है वैचारिक प्रदूषण। उन्होंने कहा की हम अपने धर्म का इमानदारी से पालन करें किन्तु दुसरे धर्मों का भी आदर करें यही स्वामी विब्वेकानंद जी का सन्देश था।धर्म के क्षेत्र में हिंसा और नफरत का कोई स्थान नहीं है
Ms Dame Munni Irone from California, America has said that all religions should have respect for each other. She said that instead of finding out faults with other religions, why can’t we think of building structures with free bathrooms and showers so that homeless could properly bathe themselves.
धार्मिक सदभावना एवं विश्व शांति केंद्र के महासचिव कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने कहा की बीज हवा और पानी के साथ मिलकर पौधा बनता है।इसका यह मतलब नहीं की बीज हवा बन गया या बीज पानी बन गया। ऐसे ही एक धर्म यदि दुसरे धर्म को साथ लेकर प्रगति करता है तो हिन्दू ईसाई नहीं बन जायेगा और ईसाई हिन्दू नहीं बन जायेगा। यह कल्पना भी करना की एक धर्म दूसरे धर्म को ख़त्म करके प्रगति करेगा मानवता के विरुद्ध है। विश्व गुरु ग्रन्थ साहब वेलफेयर मिशन के अध्यक्ष सरदार सतनाम सिंह उप्पल और संस्था के सचिव श्री जोली खोसला ने बताया की 9 सितम्बर 2019 को Speaker Hall, Constitution Club, Rafi Marg, New Delhi में सांकेतिक विश्व धर्म संसद आयोजित की जाएग, जिसमे देश विदेश के शीर्ष धर्मगुरु भाग लेंगे, विभिन्न देशों की एम्बेसी के प्रितिनिधि भाग लेंगे और समाज के विभिन्न वेर्गों के गणमान्य व्यक्ति भी भाग लेंगे। मेथोडिस्ट चर्च के फादर टिटो पीटर ने बताया की विश्व धर्म संसद में भारत सरकार से मांग की जाएगी की एक स्थाई विश्व धर्म संसद का निर्माण राष्ट्रीय राजधानी छेत्र में करवाया जाये।
स्वामी याति नरसिंहानन्द जी ने साफ़-साफ़ कहा की हम सब शांति चाहते हैं लिहाजा पहले यह पता करना होगा की शांति भंग कौन कर रहा है, पूरी दुनिया इस पर विचार करे। इस अवसर पर धार्मिक सदभावना एवं विश्व शांति केंद्र के प्रशासनिक सदस्य श्री राहुल विज, संध्या त्यागी, बाबा परविंदर आर्य एवं अनेकों देश भक्त उपस्थित थे।