योग प्रामाणीकरण मंडल का गठन : योग शिक्षकों और प्रशिक्षकों को देगा प्रमाणपत्र
- योग प्रामाणीकरण मंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ पूज्य संतों एवं योगाचार्यो ने किया
- योग ऋषि श्री स्वामी रामदेव जी महाराज, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष श्री स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, योग संस्थान की निदेशक हंसा जयदेव जी, आयूष सचिव भारत सरकार, वैद्य श्री राजेश कोटेचा, डाॅ ईश्वर बसवारेड्डी, निदेशक मोरार जी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, डाॅ राजीव जैन ने किया सहभाग
- प्रशिक्षण कार्यक्रम मे प्रथम स्तर 200 घन्टे, दूसरा स्तर 400 घन्टे जैसे योग कोर्स का निर्माण कर विश्व स्तर पर योग के परचम लहराने के लिये हुयी चर्चा
- योग प्रशिक्षकों, शिक्षकों और मूल्यांकनकर्ताओं ने किया सहभाग
नई दिल्ली। दिल्ली में योग प्रामाणीकरण मंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में योग ऋषि श्री स्वामी रामदेव जी महाराज, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष श्री स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, योग संस्थान की निदेशक हंसा जयदेव जी, आयूष सचिव भारत सरकार, वैद्य श्री राजेश कोटेचा, डाॅ ईश्वर बसवारेड्डी जी, निदेशक मोरार जी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, डाॅ राजीव जैन और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया।
इस कार्यक्र में योग का प्रशिक्षण दो चरणों में किया गया प्रथम स्तर 200 घन्टे, दूसरा स्तर 400 घन्टे एवं इस तरह के प्रशिक्षण सत्र के निर्माण पर हुयी चर्चा ताकि योग जिज्ञासु प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रामाणिक रूप से अपने स्तर पर योग का परचम लहराये। इसमें प्रशिक्षकों, शिक्षकों और मूल्यांकनकर्ताओं ने किया सहभाग साथ ही भविष्य में योग के क्षेत्र में काम करने वाले सभी संस्थान अपने यहां पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षकों को किस प्रकार के प्रमाणपत्र प्रदान करे तथा योग के परचम को पूरे विश्व में लहराने, योग को सर्वव्यापि बनाने एवं योग की विभिन्न विधाओं को जन–जन तक पहुंचाने पर विस्तृत चर्चा हुयी।
इन्डियन योग प्रमाणीकरण मंडल (एम डी एन आई वाई) में योग ऋषि श्री स्वामी रामदेव जी महाराज, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष श्री स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, श्री श्री रविशंकर जी, ईशा फाउण्डेशन के अध्यक्ष श्री जग्गी वसुदेव जी, देव संस्कृति विश्व विद्यालय के प्रमुख डाॅ प्रणव पण्ड्या जी, योग संस्थान की निदेशक हंसा जयदेव जी इसके सदस्य भी है।
योगगुरू बाबा रामदेव जी ने ’’योग के माध्यम से शान्ति, चिकित्सा और कल्याण के विषय में जानकारी दी। साथ ही अष्टांग योग के सभी आयामों के विषय में सभी को अवगत कराया। उन्होने योग को तनाव के लिये बेहद कारगर बताया।’’
इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द योग का सम्बंध मनुष्य की आध्यात्मिक, भौतिक और भावनात्मक पृष्ठभूमि से है; योग का सम्बंध ’’कनेक्टिविटी, कंसल्टेंट्स, कन्ट्रोल आॅफ माइंउ और कंसन्ट्रेट से है। योग हमें लाईन में रखता है।’’ स्वामी जी महाराज ने कहा कि योग भारत की विधा है उन्होने कहा कि हमने जो खोया उसका गम नहीं परन्तु जो बचा है वह भी किसी से कम नहीं है अतः योगमय जीवन जिये।