अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर ब्रह्माकुमारी और आयुष मंत्रालय ने किया आयोजन
नई दिल्ली। विश्व को शांति एवं एकता के सूत्र में बांधने के उद्देश्य से ब्रह्माकुमारी संस्था एवं आयुष मंत्रालय ने लाल किले पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक विशाल योग कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें 40 हजार से अधिक लोगों ने सहभागिता की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू रहे जिन्होंने न केवल योग विषय पर चर्चा की बल्कि योग एवं व्यायाम करके उपस्थित लोगों का उत्साह भी बढ़ाया। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योग को बढ़ावा देने के प्रयास की प्रशंसा की। उप राष्ट्रपति ने विशेष रूप से युवाओं से योग को उनकी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि योग से पूर्ण मानव व्यक्तित्व पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे जीवन में शांति आती है और ऊर्जा बढ़ती है। यह हमें आंतरिक शांति प्रदान करता है जो वर्तमान में बहुत जरूरी है।
ब्रह्माकुमारी संस्था के मुख्य प्रवक्ता ब्र.कु. ब्रजमोहन ने गीता में वर्णित योग का सार समझाते हुए कहा कि योग की आवश्यकता तब होती जब मनुष्य आहार, विहार, व्यवहार, विचार, आचार में अपनी चर्म सीमा को पार कर अधर्म पर चल पड़ता है, तब परमात्मा आकर योग सिखलाते हैं। गीता अनुसार योग से दैवी सम्पदा अर्थात स्वर्णित दुनिया की स्थापना के साथ-साथ विकारों-काम,क्रोध,लोभ,मोह,अहंकार जो आत्मा में आसुरी सम्पदा है का नाश होता है। काम से क्रोध की उत्पत्ति होती, क्रोध से बुद्धि का नाश होता है जिससे सर्वनाश हो जाता है। इसलिये वास्तव में यह योग- आत्मिक योग है परमात्मा के साथ जो इन विकारों का नाश के साथ नई दुनिया की स्थापना के लिए है।
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कार्यक्रम में सभी धर्म के लोगों ने भाग लिया। हैदराबाद के मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलपति फिरोज बख्त अहमद ने कहा जहां विज्ञान समाप्त हो जाता है वहां पर योग काम करता है। यह विज्ञान से कहीं आगे है। उन्होंने ओम शब्द की महत्वता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह एक शब्द प्रदर्शित करता है कि ईश्वर एक ही है वह किसी धर्म के लिए अलग नहीं है। उन्होंने कहा कि योग के बल पर धर्म और मजहब के मकड़जाल से छूट समाज एकजुट हो सकता है। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां अल्लाह का सत्य परिचय पाकर उनका जीवन ही बदल गया। भारत स्थित बहाई सम्प्रदाय एवं लोटस टेम्पल के राष्ट्रीय न्यासी डॉ ए के मर्चेंट ने प्रभु से एकता का वर मांगा। दिल्ली यहूदी सम्प्रदाय सिनागोग के मुख्य पुजारी व सचिव राबी आइजैक ने सभी से राजयोग को जीवन शैली में शामिल करने का अनुरोध किया। बीके ब्रजमोहन ने गीता में वर्णित योग का सार समझाते हुए इसमें लिखे संदेश लोगों को ध्यान दिलाए।
कार्यक्रम में योग के विभिन्न आसन भी लोगों को सिखाए गए। पंडित शिवा नंद मिश्रा ने मंत्रोच्चारण किए। इससे पूर्व बीके चक्रधारी दीदी ने उपराष्ट्रपति का स्वागत करते हुए उनको तुलसी का पौधा भेंट किया। बीके आशा ने योग को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयास की प्रशंसा की। कार्यक्रम में बीके पुष्पा,बीके सपना आदि का मुख्य योगदान रहा।