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Yoga has deep relation with memory and old age : Research

योग से यौवन और जीवन के तालमेल की बात तो अब सबको पता है। योग आपकी ऊर्जा, शरीर और बीमारियों के लिए दवाई भी है और अभ्यास भी। दुनिया भर में योग करने वालों ने इसे और रोचक बना दिया है। हिंदू धर्म में योगिनियों की साधना से प्रभावित होकर दुनिया की एक संस्था ने जो शोध किया उसके नतीजे बहुत ही रोचक है। 

स्विट्जरलैंड की संस्था फ्रंटियर्स इन न्यूरोसाइंस नाम की संस्था ने योग का बुढ़ापे पर असर नापा, तो नतीजे चौंकाने वाले थे। पंद्रह साल से योग करने वाले किसी भी व्यक्ति के दिमाग में बहुत सारे प्रभाव कम दिखे, जिनसे याद्दाशत सीधे तौर पर जुड़ी है। यानि दिमाग के उन कोनों में योग से उम्र के साथ होने वाले स्वाभाविक नुकसान का कम असर होता है। जब संस्था ने इसपर लंबे समय तक शोध किया तो पाया कि इन योगिनियों के दिमाग के बाएं हिस्से में गहरी परत का विकास हुआ है। जो सक्रियता और याद्दाश्त से सीधे तौर पर जुड़ी थी।  

Photo Courtesy: http://journal.frontiersin.org/
Photo Courtesy: http://journal.frontiersin.org/

 

 

 

 

 

 

 

 

अमूमन वृद्धावस्था में चीजें भूलने की बात सामने आती है। पर योग की नियमित प्रैक्टिस से दिमाग में वो सुधार होते हैं, जो दिमाग में उम्र के असर को होने नहीं देते। जैसे व्यायाम का असर शरीर पर होता है, और सेना में काम करने वाले व्यक्ति का शरीर हमेशा चुस्त दुरुस्त दिखता है, वैसा ही असर योग से दिमाग पर होता है, वो सदैव चुस्त-दुरूस्त रहता है, चाहे उम्र कोई भी हो। शोधकर्ताओं ने योग न करने वाली महिलाओं को योगिनियों के साथ रखकर ये प्रयोग किया। योगिनियों का चयन का आधार उनका नियमित योग करना था, अमूमन इनमें से सभी पिछले पंद्रह साल से योग कर रही थीं और किसी भी हालत में सप्ताह में दो बार तो योग करती ही थीं। 

पढिए शोध की पूरी रिपोर्ट – fnagi-09-00201

Post By Religion World