योग से जुड़ी कुछ भ्रांतियां
क्या किताब से सीख सकते हैं योग?
आजकल दुकानों में योग सिखाने का दावा करने वाली कई किताबें मिल जाती हैं। लेकिन इनसे योग सीखना खतरनाक हो सकता है, योग सीखने के लिए एक ट्रेनर या गुरु का होना जरूरी है जो आसन को करने की सही विधि बता सके। किताबें योग सीखने की प्रेरणा दे सकती हैं, योग सिखा नहीं सकती।
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि योग सीखने के लिए अनुभवी योग गुरू का होना जरूरी है। किताबों यह जरूर लिखा होता है कि योग का आसन कैसे लगाएं लेकिन आसन लगाने के दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में किताबों में नहीं या बहुत कम लिखा होता है। इनके बारे में योग गुरु को विस्तृत जानकारी होती है, प्रैक्टिस के दौरान जरूरत पड़ने पर वे समस्या का समाधान करते हैं और बेहतर करने के लिए मोटिवेट करते हैं।
संगीत के साथ कर सकते हैं योग?
योग करने के लिए एकाग्रता की आवश्यकता होगी। योग में सांसों का अभ्यास किया जाता है। एक्सपर्ट्स सांसों के उतार-चढ़ाव को महसूस करने और उस पर ही कंसंट्रेट करने को कहते हैं। संगीत चलाने से एकाग्रता भंग होती है। इसलिए योग करते समय संगीत नहीं सुनना चाहिए।
योग केंद्रों और स्टूडियोज में आजकल संगीत के साथ योग करवाया जाता है, इस वजह से लोगों को लगता है कि संगीत के साथ योग कर सकते हैं। यह गलत है।
कुछ आसन ही तो है योग
लोग समझते हैं कि योग में केवल कुछ आसन ही करने होते हैं, जिन्हें करने से फिट रह सकते हैं। योग एक तकनीक है जिसके अभ्यास के दौरान हर आसन के लिए सांसों की गति के नियंत्रण का खास तरीका होता है, जिसमें चूक होने पर बड़ा नुकसान हो सकता है।
योग केवल शारीरिक नहीं, मानसिक स्तर पर भी व्यक्ति का विकास करती है। इसके लिए अभ्यास और एकाग्रता दोनों आवश्यक है।
योग से बना सकते हैं सिक्स-पैक ऐब्स
योग से शरीर को तंदरुस्ती मिलती है और मन शांत रहता है। योग के नियमित अभ्यास से वजन पर नियंत्रण रखा जा सकता है। लेकिन योग से सिक्स पैक ऐब नहीं बना सकते हैं।
कुछ लोग यह भी सोचते हैं कि पॉवर योग से जल्दी वेट लूज किया जा सकता है। कई हेल्थ सेंटर्स में तेज म्युजिक में तेज रफ्तार में योग के आसन कराए जाते हैं। यह गलत तरीका है, योग आराम से की जाने वाली प्रक्रिया है।
योग करने के दौरान चोट नहीं लगती
यह सबसे बड़ा मिथक है कि योग करने के दौरान चोट लगने का खतरा नहीं होता है। योग ऊपरी तौर पर आसान लगता है लेकिन सावधानी और अनुभवी ट्रेनर के बिना प्रैक्टिस करना नुकसानदेह हो सकता है। सही तरीके से नहीं किया जाए तो नसों में खिंचाव हो सकता है। लम्बे समय तक गलत तरीके से योग करने से खतरनाक बीमारियों का खतरा हो सकता है।
- पंडित दयानन्द शास्त्री