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रांची की ‘योगा गर्ल’ राफ़िया नाज़ पर मुस्लिम समाज को है गर्व: कुतुबुद्दीन

रांची की ‘योगा गर्ल’ राफ़िया नाज़ पर मुस्लिम समाज को है गर्व: कुतुबुद्दीन

रांची; 12 नवम्बर। रांची की योग गर्ल राफ़िया नाज़ आजकल सुर्ख़ियों में है। चर्चा थी कि राफ़िया नाज़ के घर पत्थरबजी हुयी थी जिसका कारण था उनका योग सिखाना, लेकिन एदारा-ए-शरिया, झारखंड के महासचिव कुतुबुद्दीन का कहना है कि “तमाम लोग राफ़िया नाज़ के साथ हैं और हमें उससे कोई परेशानी नहीं है. राफ़िया को अपनी जिंदगी जीने का पूरा है और मुस्लिम समाज को उससे कोई दिक्कत नहीं है.” कुतुबुद्दीन ने जोर देकर यह बात कही कि “राफ़िया के खिलाफ कोई फतवा जारी नहीं किया गया है, यह बिलकुल गलत बात है. उन्होंने कहा कि राफ़िया की आड़ में जिस तरह से दो धर्मों के बीच नफरत की सियासत हो रही है वह बहुत ही गलत है और दुखद भी. उन्होंने कहा कि रांची में राफिया का कोई विरोध नहीं हो रहा है, यह बात दीगर है कि दिल्ली और हैदराबाद के कुछ मौलानाओं ने उसका विरोध किया है.” 

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राफ़िया नाज़ के घर पर हमले की बात सुनकर सिटी एसपी अमन कुमार, एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, आइजी नवीन कुमार सिंह और डीजीपी डीके पांडेय भी राफिया के घर पहुंचे. सभी ने उससे मामले की जानकारी ली. इस दौरान राफ़ियाऔर उसके पिता द्वारा पुलिस अफसरों को बताया गया कि बहुत पहले कुछ लोगों ने फेसबुक के अलावा एक बार मोबाइल पर और एक बार राह चलते चेतावनी दी थी. लेकिन हाल के दिनों में ऐसा कहीं कुछ नहीं हुआ. बेवजह कुछ लोगों ने मामले को सनसनीखेज बनाने का काम किया.

एदारा ए शरिया के कुतुबुद्दीन ने कहा “मैंने राफ़िया का बयान पढ़ा और सुना भी जिसमें उसने यह बताया कि जब वह योग सिखाने के लिए जाती थी, तो उससे यह कहा जाता था कि वह अपना नाम बदल ले. नाम बदलने का आशय सीधे-सीधे धर्म बदलने से है, मैं इस बात की पुरजोर निंदा करता हूं यह बात बहुत ही गलत है. हम सब राफ़िया के साथ हैं और उसका समर्थन करते हैं. रांची में किसी भी धार्मिक संगठन ने उसका विरोध नहीं किया है, जहां तक बात उसके घर पर पत्थरबाजी की है, तो मेरा यह कहना है कि यह पुलिस काम है, उसे यह पता करना चाहिए कि अगर हमला हुआ है तो किसने किया है और उसे सजा मिलनी चाहिए. साथ ही यह भी देखा जाना चाहिए कि अगर हमला नहीं हुआ है तो झूठी खबर फैलाने वालों पर भी कार्रवाई हो.”

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गौरतलब है कि कल एक निजी वेबसाइट से बात करते राफ़िया नाज़  ने कहा था कि पता नहीं कुछ कट्टरपंथियों को क्या परेशानी है मुझसे, जो वे मेरा विरोध कर रहे हैं. जबकि मैंने अपने धर्म और समाज के खिलाफ कोई काम नहीं किया है. राफ़िया ने यह भी बताया था कि उसे अपने शहर में कोई दिक्कत नहीं है, सारे धर्म गुरु उसके समर्थन में हैं. कई धर्मगुरु तो उसे शेरे-ए-हिंद कहकर पुकारते हैं.

एक टीवी चैनल पर लाइव शो में एक मौलाना नदीमुद्दीन ने उनके खिलाफ अपशब्द का तो प्रयोग किया ही यहां तक कह दिया कि तुम्हारे जनाजे की नमाज कोई मुसलमान नहीं पढ़ेगा. मौलाना  नदीमुद्दीन का कहना है कि राफ़िया इस्लाम को बदनाम कर रही है और महज पब्लिसिटी के लिए वह योग का सहारा ले रही है. वही राफ़िया ने मौलाना से सवाल किया कि वह बतायें कि क्या इस्लाम में योग हराम है? क्या एक मुसलमान को योग नहीं करना चाहिए. उनके इस सवाल पर मौलना चुप हो गये और कहा कि योग करने की इस्लाम में मनाही नहीं है, लेकिन एक औरत मर्दों को योग की ट्रेनिंग दे, यह इस्लाम के खिलाफ है.

राफ़िया ने मौलाना से कहा कि वह जब चार साल की थी तभी से योग कर रही है. उसकी तसवीर 2005 से अखबारों में प्रकाशित होती रही है, फिर आज क्यों मैं लोगों को अखर रही हूं कि मेरे खिलाफ फतवा जारी कर दिया गया है. राफिया ने सवाल उठाया कि आखिर क्यों कट्टरपंथियों को कभी सानिया का स्कर्ट दिखता है तो कभी मेरा योग.

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गौरतलब है कि राफ़िया नाज़  रांची के मारवाड़ी कॉलेज में एमकॉम की छात्रा हैं और उन्हें योग में महारत हासिल है. राफ़िया 20 वर्ष की हैं और जब वह चार साल की थीं तभी से योग कर रही हैं. उन्हें अबतक योग के क्षेत्र में 50 से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं. उन्होंने बाबा रामदेव के मंच से भी अपने योग का हुनर दिखाया है और उन्हें वाहवाही भी खूब मिली है. राफिया रांची के डोरंडा इलाके के रहमत कॉलोनी में रहती हैं और लोगों को योग सिखाती हैं. राफ़िया नाज़ एक तेज तर्रार युवा हैं, वह आजसू पार्टी की टिकट पर दिसंबर 2016 में मारवाड़ी कॉलेज में महासचिव के तौर पर चुनी गयी थी. बाद में पार्टी ने उसे स्टूडेंट यूनियन का स्टेट सेक्रेटरी बना दिया. पिछले दिनों राफिया ने मारवाड़ी कॉलेज के पास लड़कियों के साथ होने वाली छेड़खानी के खिलाफ भी आवाज उठाई थी. राफ़िया रांची के एसएस डोरंडा स्कूल की छात्रा रही हैं और उन्होंने सुशांत भट्टाचार्य से योग की शिक्षा ली है.

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Post By Shweta