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योगासन: अब बुज़ुर्ग भी आसानी से कर सकेंगे योग, अपनाएं इन आसनों को

अक्सर बढ़ती उम्र और कमज़ोर मसल्स की वजह से बड़े बुज़ुर्ग व्यायाम करने से कतराते हैं। लेकिन अब यह सब पुरानी बातें हो गयी है, अब हमारे सीनियर सिटीजन्स भी आसानी से योग कर सकते हैं।



तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे सरल आसनों के बारे में बताते हैं जीने हमारे दादा-दादी, नाना-नानी या और भी कोई वरिष्ठ नागरिक हो आसानी से कर सकता है। इससे वे स्वस्थ और निरोगी रहेंगे।

वृक्षासन

योगासन: अब बुज़ुर्ग भी आसानी से कर सकेंगे योग, अपनाएं इन आसनों को

पहला आसन है वृक्षासन. घुटने एवं एड़ियों के दर्द से राहत, पैरों की मजबूती, तनाव एवं नैराश्य से मुक्ति, रीढ़ की हड्डी के दर्द से राहत आदि में वृक्षासन का नियमित अभ्यास लाभदायी है। लेकिन जिनके घुटनों में या एड़ियों में ज्यादा दर्द है, उन्हें इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।

विधि:
इस आसान को करने के लिए आप सबसे पहले सीधे खड़े हों जाएं। पैरों के बीच की जगह को कम करें और हाथों को सीधा रखें।
इसके बाद अपना दायां पैर उठाएं और दाएं हाथ से टखना पकड़ लें। दाईं एड़ी को दोनों हाथों की सहायता से बाईं जांघ के ऊपरी भाग यानी जोड़ पर रखें।
पंजों की दिशा नीचे की ओर हो और दाएं पांव के तलवे से जांघ को दबाएं। याद रहे मुड़े हुए पांव को दूसरे पांव के साथ समकोण बनाएं।
अब हथेंलियों और अंगुलियों को प्रार्थना की मुद्रा में जोड़ें, ऊपर उठाएं और छाती पर रखें फिर धीरे-धीरे उन्हें उठाकर सिर से ऊपर ले जाएं।
आपके दोनों हाथ सिर से सटे होने चाहिए। कुछ समय तक शरीर का संतुलन बनाए रखें। अब हाथ नीचे ले जाएं और मूल अवस्था में लौट आएं।
फिर इसी प्रक्रिया को दूसरी तरफ से करें। अगर आप रोजाना 3 से 5 चक्र करेंगे तो आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।

यह भी पढ़ें-योग : तनाव दूर करना है तो कीजिये यह चार योगासन

बालासन

योगासन: अब बुज़ुर्ग भी आसानी से कर सकेंगे योग, अपनाएं इन आसनों को
बालसन में एक शिशु की तरह हाथों और शरीर को आगे की ओर झुकाते हैं। यह आसन बेहद आसान है लेकिन काफी लाभदायक है।
कमर की मांस-पेशियों को आराम देता है और ये आसन कब्ज को भी दूर करता है।
मन को शांत करने वाला यह आसन तंत्रिका तंत्र को शांत करता है। यदि पीठ में दर्द हो या घुटने का ऑपरेशन हुआ हो तो अभ्यास न करें।

विधि:
अपनी एड़ियों पर बैठ जाएं, कूल्हों पर एड़ी को रखें, आगे की ओर झुकें और माथे को जमीन पर लगाएं।

हाथों को शरीर के दोनों ओर से आगे की ओर बढ़ाते हुए जमीन पर रखें, हथेली आकाश की ओर (अगर ये आरामदायक ना हो तो आप एक हथेली के ऊपर दूसरी हथेली को रखकर माथे को आराम से रखें)
धीरे से छाती से जांघों पर दबाव दें और फिर धीरे से उठकर एड़ी पर बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी को धीरे-धीरे सीधा करें।

त्रिकोणासन

योगासन: अब बुज़ुर्ग भी आसानी से कर सकेंगे योग, अपनाएं इन आसनों को

बुजुर्गों में आमतौर पर होने वाली कूल्हों की दिक्कत और दर्द को दूर करने में यह मदद करता है।
इसके अलावा, यह ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है शरीर की मांस-पेशियों और जोड़ों को मजबूत बनाने के लिए त्रिकोणासन बहुत फायदेमंद है।
अगर आप माइग्रेन, डायरिया, निम्न या उच्च रक्तचाप, या गर्दन और पीठ के दर्द से पीड़ित हैं, तो इस आसन का अभ्यास करने से बचें।

विधि:

त्रिकोणासन योग मुद्रा में, पैरों को अलग-अलग फैलाया जाता है और एक पैर को 90 डिग्री के कोण पर मोड़ते हैं। शरीर का ऊपरी हिस्से को एक पैर की तरफ झुकाते हैं।

फिर एक हाथ जमीन पर छुआते हुए और दूसरे पैर को असमान पैर से फिर इस आसन को दोहराते हैं।

रोजाना त्रिकोणासन योग का अभ्यास करने से कई तरह के शारीरिक लाभ मिलते हैं।



इस आसन को करने से हृदय चक्र सक्रिय होता है, मानसिक स्थिरता बढ़ती है, एड़ियों, पैरों और पंजों को मजबूत बनाता है।

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Post By Shweta