सम्पूर्ण जैन समाज के लिए बड़े हर्षोल्लास का विषय है कि एलाचार्य श्री बने अब आचार्य श्री
राष्ट्रसंत श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानन्द जी मुनिराज ने अपने प्रिय अन्तेवासी शिष्य एलाचार्य श्री प्रज्ञसागर जी मुनिराज को आज कुन्दकुन्द भारती दिल्ली में अपने 93वीं जन्म जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में अपने वरदहस्त कमल से मंत्रोच्चारण पूर्वक अत्यंत प्रशन्नचित होकर आचार्य पद प्रदान कर समस्त विश्व जैन समाज को एक अनमोल रत्न प्रदान किया।